शीघ्र पतन ! , हस्त मैथुन करना,स्त्री से भय लगना !








मर्दों का रोग आजकी प्रदुषण भरी जिंदगी में सारा दुनिया परेशान है ,शीघ्र पतन,लिंग में संक्रमण होना,एड्स,गेनोरेहा सुजाक होना, लिंग का सकतीहीनता,लिंग का टेड़ा मूड जाना,स्वप्न दोष, हस्त मैथुन करना,स्त्री से भय लगना , बीर्य पतला होना, प्रोस्टेट कैंसर, अंडकोष बढ़ना, गुप्तांग में चर्म रोग होना ,गुप्प्तांग सिकुडजआना,स्त्री पास जाते ही बिर्यापत होना, सम्भोग के दौरान दर्द होना, पर्याप्त अंडा होने के कारन बचा होना ,लिंग में गांठ होना यह सभी रोग जान लेबा होता है . यह सब का अलोपथी इलाज संभव नहीं,अलोपथी मॉडर्न मेडिसिन से रोग मिटता नहीं रोगी जरूर मिटजाता है परन्तु हर्बल,आयुर्वेदिक ,होमियोपैथी से रोग का जड ख़तम हो कर इंसान लम्बी उम्र जीता है .

जान लेबा सब्द को सुनकर आप भयवित हुए होंगे और होना भी चाहिए ,क्युओं की कैंसर एड्स से कोई भी इंसान लड़ नहीं पाया ,मौतका दूसरा नाम कैंसर और एड्स .दुःख के साथ कहना पड़ता है हम अपने परिजनों की हत्या प्यार से करते है ! जो कानून कुछ नहीं कर सकता ! आज हर कोई जनता है मॉडर्न अलोपथी मेडिसिन से रोग थोड़ा समय के लिए चुप होता है लेकिन वह बार बार वही रोग फिर होता है .सभी मॉडर्न मेडिसिन में साइड इफ़ेक्ट है,मेडिसिन के उप्पर लिखा रहता है .आम इंसान समझ नहीं सकता,डॉक्टर पढ़कर लालच से ढेर सारा दबाई खरीदने को मजबूर करता क्यों की दबाई बनानेवाले कंपनी डॉक्टर को लाखों रूपया हर साल देता है,इसको आप कला धन कहिये या सफ़ेद धन .कीमो रेडिएशन से कैंसर रोगी जल्दी कष्ट पाकर मर जाता.जिसका पूरा दोष आप को जाता ,बड़ा बड़ा हॉस्पिटल में मौत बिकता है,लेकिन आप वहीं जाएगी! आप को जो मौत देता है उस का तारीफ करेंगे .परन्तु हर्बल,होमियोपैथी ट्रीटमेंट करके लम्बी रोग मुक्ति नहीं चाहते ! कैंसर क्या है ? 40 साल रिसर्च के बाद भी अब तक बैज्ञानिकों को समझ नहीं पाए तो क्या बे रोगों का मेडिसिन अबिस्कर करेंगे ? कोई कहता है तम्बाखू,सिगरेट से कैंसर होताहै तो छोटा बचे ,महिलाओं को क्यों होता है ? वह तम्बाखू नहीं खाते ! क्या आप सोचने का प्रयास किया  ?

मर्दों का रोग आजकी प्रदुषण भरी जिंदगी में सारा दुनिया परेशान है ,शीघ्र पतन,लिंग में संक्रमण होना,एड्स,गेनोरेहा सुजाक होना, लिंग का सकतीहीनता,लिंग का टेड़ा मूड जाना,स्वप्न दोष, हस्त मैथुन करना,स्त्री से भय लगना , बीर्य पतला होना, प्रोस्टेट कैंसर, अंडकोष बढ़ना, गुप्तांग में चर्म रोग होना ,गुप्प्तांग सिकुडजआना,स्त्री पास जाते ही बिर्यापत होना, सम्भोग के दौरान दर्द होना, पर्याप्त अंडा होने के कारन बचा होना ,लिंग में गांठ होना यह सभी रोग जान लेबा होता है . यह सब का अलोपथी इलाज संभव नहीं,अलोपथी मॉडर्न मेडिसिन से रोग मिटता नहीं रोगी जरूर मिटजाता है परन्तु हर्बल,आयुर्वेदिक ,होमियोपैथी से रोग का जड ख़तम हो कर इंसान लम्बी उम्र जीता है . जान लेबा सब्द को सुनकर आप भयवित हुए होंगे और होना भी चाहिए ,क्युओं की कैंसर एड्स से कोई भी इंसान लड़ नहीं पाया ,मौतका दूसरा नाम कैंसर और एड्स .दुःख के साथ कहना पड़ता है हम अपने परिजनों की हत्या प्यार से करते है ! जो कानून कुछ नहीं कर सकता ! आज हर कोई जनता है मॉडर्न अलोपथी मेडिसिन से रोग थोड़ा समय के लिए चुप होता है लेकिन वह बार बार वही रोग फिर होता है .सभी मॉडर्न मेडिसिन में साइड इफ़ेक्ट है,मेडिसिन के उप्पर लिखा रहता है .आम इंसान समझ नहीं सकता,डॉक्टर पढ़कर लालच से ढेर सारा दबाई खरीदने को मजबूर करता क्यों की दबाई बनानेवाले कंपनी डॉक्टर को लाखों रूपया हर साल देता है,इसको आप कला धन कहिये या सफ़ेद धन .कीमो रेडिएशन से कैंसर रोगी जल्दी कष्ट पाकर मर जाता.जिसका पूरा दोष आप को जाता ,बड़ा बड़ा हॉस्पिटल में मौत बिकता है,लेकिन आप वहीं जाएगी! आप को जो मौत देता है उस का तारीफ करेंगे .परन्तु हर्बल,होमियोपैथी ट्रीटमेंट करके लम्बी रोग मुक्ति नहीं चाहते ! कैंसर क्या है ? 40 साल रिसर्च के बाद भी अब तक बैज्ञानिकों को समझ नहीं पाए तो क्या बे रोगों का मेडिसिन अबिस्कर करेंगे ? कोई कहता है तम्बाखू,सिगरेट से कैंसर होताहै तो छोटा बचे ,महिलाओं को क्यों होता है ? वह तम्बाखू नहीं खाते ! क्या आप सोचने का प्रयास किया ? परन्तु हम कैंसर इलाज करते है अगर रोगी केमो रेडिएशन नलिया हो तो, रोगी बच जाता है और कैंसर का कीटाणु मरता है ! हमारे चिकित्सा पद्धति प्राकृतिक,प्राचीन,गेहेन शोध पर आधारित है ! ऑपरेशन के बाद गॉलब्लेडर में पथरी क्यों होता ? हम बिना ऑपरेशन से पथरी निकल देते है तो कौन सा बिज्ञान श्रेष्ठ है , हम अंग प्रतिरोपण ट्रांस्प्लांटेशन नहीं करते है ,आंग को जीवन प्रदान करके स्वस्थ करते है .ऐसे अनेक बात है, मेरा ब्लॉग,वेबसाइट विजिट करें !






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