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व्यसन (धूम्रपान, तम्बाकू का सेवन और शराब), जीवन शैली, भोजन की आदतें, और उम्र बढ़ना अलग-अलग कैंसर के लिए जोखिम कारक हैं। नए ग्लोबोकॉन डेटा के अनुसार, भारत में लगभग 1.2 मिलियन नए कैंसर रोगी और लगभग 2.2 मिलियन लोगों को उपचार के माध्‍यम से कैंसर से बचाया जा चुका है। एक पुरुष में सबसे आम कैंसर होंठ, मुख के अलावा फेफड़े का कैंसर पेट और कोलोरेक्टल कैंसर के कारण होते हैं। महिलाओं में, सबसे आम कैंसर स्तन होते हैं, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर अंडाशय और ओरल कैविटी के कारण होते हैं। 
कैंसर का निदान शुरूआती उपचार पर निर्भर करता है। भारतीय आबादी में, हम देखते हैं कि अधिकांश मरीज तब अस्‍पताल जाते हैं जब स्थिति बदतर हो जाती है। जब कैंसर शरीर में फैल चुका होता है। इससे कैंसर नियंत्रण और जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है। आमतौर पर कैंसर के शुरूआती लक्षणों और संकेतों के बारे में लोगों में जागरूकता की कमी है। इसके अलावा, कैंसर के बारे में बहुत सारी सामाजिक वर्जनाएँ हैं जो रोगियों को कैंसर के इलाज के लिए आगे आने के लिए बाधित करती हैं।
यहां हम आपको अलग-अलग कैंसर से जुड़े कुछ लक्षण और संकेतों के बारे में बता रहे हैं जिसे पहचान कर डॉक्‍टर की सलाह जरूर लें। 

सिर और गर्दन का कैंसर:

  • न भरने वाला घाव या अल्‍सर 
  • गर्दन में सूजन।
  • आवाज में बदलाव।
  • निगलने में कठिनाई।
  • दंत चिकित्सा के बाद देरी से उपचार

लिवर कैंसर: 

  • पेट में दर्द या दांई ओर ऊपरी पेट में गांठ।
  • पीलिया।
  • वजन घटना
  • मतली उल्टी

इसोफेजियल कैंसर: 

  • निगलने में कठिनाई।
  • निगलने के दौरान दर्द।
  • भोजन का मुंह के रास्‍ते से बाहर आ जाना।
  • पीठ दर्द।

स्‍तन कैंसर: 

  • स्‍तन के साइज में असामान्य बदलाव।
  • दोनों स्तन में गांठ।
  • कांख में गांठ।
  • त्‍वचा में सूजन, लाली, खिंचाव या गड्ढे पड़ना।
  • एक स्‍तन पर खून की नलियां ज्यादा साफ दिखना।
  • निपल भीतर को खिंचना या उसमें से दूध के अलावा कोई भी लिक्विड निकलना।

फेफड़े का कैंसर:  

  • खाँसी।
  • खून से सना थूक।
  • सांस फूलना।

सर्वाइकल कैंसर: 

  • असामान्‍य रक्‍तश्राव 
  • व्‍हाइट डिसचार्ज 
  • पेट के निचले हिस्‍से में दर्द 
  • यू‍रीन संबंधी समस्‍या 

कोलोरेक्टल कैंसर: 

  • आंत्र की आदतों में बदलाव (कब्ज, दस्त)।
  • मल में खून आना।
  • मल पास करते समय दर्द।
  • कम हीमोग्लोबिन का स्तर।
  • यह महसूस करना कि आपको मल त्याग करने की आवश्यकता है जिसे होने से राहत नहीं मिलती है।

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