पैसा खर्च कर के डॉक्टर द्वारा आपने मरीज को हत्या करते






अगर आप परमानेंट चिकत्सा चाहते हैं तो देर करें अन्यथा आधुनिक एलोपैथी दबाई खाकर आप और ज्यादा बीमार हो जायेंगे ,बड़ा अस्पताल में भय बिकता है .आज का डॉक्टर साधारण रोग को गंभीर बताकर ऑपरेशन करने के लिए बाध्य करते है. अधकतर लोग उनके झांसे में पढ़कर जान को खतरा में दाल देते हैं ! जैसा की कैंसर रोगी कीमो और रेडिएशन थरपी से बिलकुल कष्ट पा कर अति शीघ्र मर जाता है और उसके बाद कोई भी औसधि रोगी को ठीक नहीं कर पता ,लेकिन बुद्धिजीबी लोग आपने प्रियजन को इस तरह हत्या करते हैं बाद में बड़े गरब के साथ लोगों को बताते हैं ही हम बड़े अस्पताल में लाखों खर्चा करने के बाद रोगी को बचने नहीं पाए .आज का डॉक्टर कसाई बन चुके है ! लेकिन पढ़े लिखे लोग मुर्ख बनकर अत्यधिक भूल कर लेते है ? में कैंसर उद्धरण देकरआपका जमीर को जगाना चाहता हूँ ,ऐसे अनेक रोग के बारे में में बता सकता हूँ. सिकस्य ज्ञान यह अंग्रेजों का थोपा हुआ अप्रत्यक्ष्य राज है ,हमारे मस्तिक को गुलाम बना चूका है ! हम उस सिस्टम से स्वतंत्र नहीं हो सकते ! हम गुलाम थे ,गुलाम है और गुलाम रहेंगे ! क्यों की हम उससे आगे सोच नहीं सकते ,जिस के चलते भूल पर भूल को अपना आदत बना चुके है .हमारे बिज्ञान बिकसित हो चूका है लेकिन चिकित्सा के खेत्र में हम जीरो हैं ! बिकसित देश भी अपना नागरिक को बचा नहीं पाते ! उनका बैज्ञानिक लोग भी लचर है . कैंसर रोग क्या है, उसका कारन क्या है उसका शोध आज तक नहीं हो पाया तो उसका औसधि का अबिस्कर कब होगा ? रोगी के पीछे रुपया लाख खर्चा करने के बाद चेमो,रेडिएशन देकर दर्दनाक मृत्यु हम देते है ! में डॉक्टर को दोसी नहीं मंटा , क्युओं की उनका ज्ञान सिमित है ,जब अंग्रेजों को ज्ञान नहीं तो उनकी लिखी किताब से जो डॉक्टर बने उनका क्या कहना ? दोष मरीज का परिजनो का है ? पैसा खर्च कर के डॉक्टर द्वारा आपने मरीज को हत्या करते ,इसको अप्रत्यक्ष्य हत्या कहते है ! कानून कुछ नहीं कर सकता ! आज कल मरीज हॉस्पिटल चल के जाता ,आता लॉस बनकर ! बाजार नकली दबाई से भरा है ! सरकार सब कुछ जनता है ,यह कम्पनियाँ सरकार बनाते है , आप कुछ नहीं कर सकते ! लाखों लोग हार्टअटैक हरदिन मरते क्युओं ? आधुनिक एलोपैथी औसधि खा कर, पहले रोगी को हाई सक्तिसाली हानिकारक दबाई देकर अंग को ख़राब कर दिया जाता है ,सब दोष रोगी पर दाल देते हैं ,बाद में भय दिखाकर सर्जरी के लिए अथबा ट्रांसप्लांटेशन के लिए बाध्य किया जाता है . मरता क्या नहीं करता ! जब की उस रोगों का उपचार आयुर्वेद ,होमियोपैथी है ,रोगी नहीं मरेगा ,रोग हमेसा के लिए मिट जायेगा . जब की ऑपरेशन के बाद फिर सेवही रोग होगा और होता भी है . लेकिन बड़ा हॉस्पिटल में आप मरना ही चाहते है तो इस्वर क्या करेगा ? आज कल डॉक्टरों का जमीर मर चुकी है मरे हुआ मरीज को में रख कर लाखौं रूपया कमा लेते है! अछि अंग को निकल कर उस अंग को फिर से लगा लेते है , आप सोचते है अंग प्रत्यारोपण हो चूका है ,क्योंकी आप ऑपरेशन थिएटर में जा नहीं सकते तो आप को क्या मालूम ? लेकिन आप डॉक्टर को महान बताते है ! बाह रे भोले जनता . हर्बल आयुर्वेदा में ऐसे दवा उपलब्ध है कोमा में पड़ा हुआ ब्यक्ति चंगा हो जाता है , हार्ट पेशेंट रोगी को हार्ट अटैक नहीं होता , पड़ा हुआ इंसान जिन्दा होता है , सभी कैंसर रोगी चंगा होता है, ऑपरेशन के बिना गल्ल ब्लाडर का पथरी निकलता है , बबासीर भगन्दर ठीक होता है , दमा का जड़ मिटता है , थाइरोइड ठीक होता है, महिलाओं की सभी गुप्त रोग ठीक होता है , पुरुष के सभी गुप्त रोग ठीक होता है , नामर्द मर्दानगी प्राप्त करता है , बाँझपन दूर कर संतान सुख की प्राप्ति होता है , और सभी रोग ठीक होता है उसके लिए मेरा चार बेबसाइट भीजित करें ,मेरा फ़ोन द्वारा संपर्क करें ,मेरा ब्लॉग पढ़े कॉल करें , संपर्क करें,  09993906875,  919109714270 ,916261680400
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