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एसोफेगल कैंसर, एसोफेगस में कोशिकाओं की असामान्य बढ़ोत्तरी होती है। एसोफेगस गले से आपके पेट तक भोजन और पानी ले जाने वाली नली को कहते हैं। एसोफेगस जहां पर पेट से जुड़ती है वहां इसकी परत एक अलग प्रकार की कोशिकीय बनावट की होती है, जिसमें विभिन्न केमिकल्स का रिसाव करने वाली अनेक ग्रंथियां या संरचनाएं होती हैं। यदि एसोफेगस का कैंसर उस हिस्से से शुरू होता है जहां पर ट्यूब पेट से मिलता है, तो इस कैंसर को स्क्‍वामस सेल कार्सिनोमा कहते हैं। यदि यह एसोफेगस के ग्रंथियों वाले हिस्से से शुरू होता है तो इसे एडेनोकार्सिनोमा (ग्रंथियों की बनावट वाले हिस्सें का कैंसर) कहते हैं।

एसोफैगल कैंसर के लक्षण

  • निगलने में कठिनाई या दर्द होना या केवल ठोस आहार निगलने में दर्द या कठिनाई होना (इसेडायसफैगिया या ओडाइनोफैगिया भी कहते हैं)।
  • अक्सर मरीज सीने के बीच में, सीने की हड्डी के ठीक नीचे भोजन ‘चिपकने’ की शिकायत करते हैं।
  •  सीने में या कंधों की पसलियों के बीच दर्द होना ।
  •  हृदय में अक्सर जलन होना या खट्टी डकारें आना ।
  •  वजन काफी कम हो जाना ।
  •  आवाज फटना या लम्बे समय तक खांसी बनी रहना ।
  •  नियमित उल्टियां आना ।
इन लक्षणों के अन्य कारण भी हो सकते हैं। यदि इनमें से कोई आपके साथ हो तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यदि आपके सीने में दर्द या खून की उल्टी होने की शिकायत है तो तत्काल चिकित्सकीय सहायता लें।

एसोफैगल कैंसर के कारण

  • जिन लोगों की उम्र 50 से अधिक होती है उनमें एसोफैगल कैंसर पाये जाने की आशंका अधिक होती है। इसलिए इस उम्र के लोगों को इसके लक्षणों के प्रति सचेत रहना चाहिए। और किसी भी प्रकार की आशंका हो, उन्‍हें डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए।
  • पुरुषों को एसोफैगल कैंसर होने का खतरा महिलाअों के मुकाबले अधिक होता है। एक अनुमान के अनुसार महिलाओं की तुलना में पुरूषों में इस रोग का खतरा प्राय: तीन गुना तक अधिक होता है।
  • स्क्‍वामस सेल एसोफैगल कैंसर श्वेत लोगों की तुलना में प्राय: अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों में तीन गुना अधिक पाया जाता है। हालांकि अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों की तुलना में काकेशियन लोगों में लोअर एसोफेगस के एडेनोकार्सिनोमा के मामले ज्यादा पाए जाते हैं।
  • शराब अत्यधिक पीना, विशेषकर जब इसके साथ तम्बाकू भी प्रयोग की जा रही हो, जोखिम बढ़ाता है। यह भी स्क्‍वामस सेल एसोफेगल कैंसर के लिए बिल्कुल सत्य है।
  • ऐसा आहार जिसमें फलों, सब्जियों और कुछ विटामिन्‍स व खनिजों की मात्रा कम हो उससे एसोफेगल कैंसर का खतरा अधिक हो जाता है। भोजन के नाइट्रेट और अचार वाली सब्जियों के फंगल टॉक्सिन का सम्बन्ध भी एसोफेगल कैंसर से पाया गया है।
डॉक्‍टर से कब संपर्क करें
एसोफेगल कैंसर का कोई भी लक्षण उभरने पर जैसे निगलने में परेशानी, वजन कम होना या उल्टियां होना आदि की दशा में अपने डॉक्टर को दिखाएं। यदि आपको सीने में दर्द या उल्टी में रक्त आने की शिकायत हो तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें। यदि आपको अहसास होता है, कि खाना निगलने पर अंदर नली में चिपकता है तो अपने फिजीशियन को दिखाएं।

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